कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार की जीएसटी (GST) ई-चालान शुरू करने की योजना
खबरों के अनुसार कर चोरी रोकने के लिए केंद्र सरकार जीएसटी (GST) ई-चालान-प्रक्रिया (E-Invoicing) शुरू कर सकती है।
जीएसटी परिषद (GST Counsil) ने ई-चालान की व्यवहार्यता परखने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति दक्षिण कोरिया और कुछ लैटिन अमेरिकी जैसे देशों में इस सिस्टम का अध्ययन करेगी। कर विशेषज्ञों के मुताबिक ई-चालान कर चोरी से निपटने में कारगर साबित हो सकता है।
जीएसटी परिषद ने यह कदम कर चोरी के बढ़ते मामलों के कारण उठाया है। इससे पहले जीएसटी परिषद ने कर चोरी पर नकेल कसने के लिए 'इलेक्ट्रॉनिक वे बिल' (ई-वे) शुरू करने जैसे कई उपाय किये हैं। खबर है कि ई-चालान प्रक्रिया आने वाले समय में ई-वे बिल प्रणाली की जगह ले लेगी, क्योंकि ई-चालान सरकार के केंद्रीकृत पोर्टल से ही मिल सकेंगे। हालाँकि भविष्य में कारोबारियों को बिक्री के पूरे मूल्य के लिए पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक-टैक्स इनवॉइस या ई-चालान की आवश्यकता होगी। मौजूदा समय में 50,000 रुपये से अधिक के सामान के लिए ई-वे बिल की जरूरत होती है।
ई-चालान निकालने या जनरेट करने का तरीका जीएसटी पोर्टल पर ईवेबिल.एनआईसी.इन (ewaybill.nic.in) पोर्टल पर ई-वे बिल निकालने या जीएसटीएन (GSTN) पोर्टल पर जीएसटी कर के भुगतान की तरह ही होगा।
निश्चित सीमा से अधिक वाले कारोबारियों को एक सॉफ्टवेयर प्रदान किया जायेगा, जो ई-चालान जनरेट करने के लिए जीएसटी या सरकारी पोर्टल से जुड़ा होगा। टर्नओवर की सीमा चालान के मूल्य के आधार पर भी तय की जा सकती है।
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